हिन्द सागर, प्रमोद कुमार/ठाणे : शिवसेना के पूर्व ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे की पुण्यतिथि के अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शक्ति स्थल पर जाकर उन्हें अदरांजली अर्पित की। इस अवसर पर अन्य कई राजनीतिक हस्तियां भी उपस्थित थीं। स्वर्गीय दिघे को अदरांजली अर्पित करने के बाद उन्होंने मीडिया के साथ बातचीत में अपनी निजी भावनाएं व्यक्त की। कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार सर्व समावेशी सरकार है। यह सरकार शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और स्वर्गीय आनंद दिघे की संकल्पना के आधार पर संचालित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि भाजपा शिवसेना युति की वर्तमान सरकार बेहतर तरीके से कल्याणकारी काम कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें स्वर्गीय आनंद दिघे के सानिध्य में काम करने और बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला है। आज हिंदुत्व और भारतीयता के लिए वे जो कुछ भी काम कर रहे हैं, उसकी शिक्षा उन्होंने दोनों ही महान पुरुषों से सीखी है। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद लोगों की आशाएं बढी हैं। आगे शिंदे ने कहा कि इतना कम समय में नवगठित भाजपा शिवसेना युती सरकार ने साहसिक निर्णय लेकर हर वर्गों के कल्याण के लिए काम करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। इस अवसर पर सीएम शिंदे ने कहा कि स्वर्गीय आनंद दिघे की भी यही आकांक्षा थी कि ठाणे का भी कोई चेहरा कभी महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने। उनका यह सपना भी इस समय पूरा हो गया है। भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने ठाणे जिले के लिए जो कुछ भी किया है उसकी झलक वर्तमान में देखने को मिल रही है। शिंदे ने आशा व्यक्त की कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उनके पीछे वास्तविक शक्ति स्वर्गीय आनंद दिघे की ही है। शक्ति स्थल पर स्वर्गीय दिघे को अदरांजली अर्पित करने के अवसर पर सीएम शिंदे के साथ ही शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक, रविंद्र पाठक, शिवसेना प्रवक्ता और ठाणे जिलाप्रमुख नरेश म्हस्के के साथ ही अन्य वरिष्ठ शिवसेना पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर सीएम शिंदे ने कहा कि स्वर्गीय आनंद दिघे ने उन्हें संगठनात्मक कौशल की शिक्षा दी थी। आज वे जो कुछ भी कर पाए हैं, वह उसी शिक्षा का परिणाम है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि उनके संकल्प को साकार करने में वे भी निजी योगदान दे रहे हैं। उनकी शिक्षा के बल पर वे ठाणे जिले ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज उनके आशीर्वाद का ही परिणाम है कि ठाणे का एक मामूली चेहरा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा है। इस कुर्सी के माध्यम से वे महाराष्ट्र के हर नागरिकों के कल्याण के लिए कटिबद्ध हैं और आगे भी रहेंगे।