कड़कड़ाती ठंड से सावधान, 24 घंटे में मिले हार्टअटैक और पैरालिसिस के 55 केस

हिन्द सागर, दिल्ली। पूरे देश में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। लगातार दो दिन से तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवा ने लोगों की जान मुश्किल में डाल दी है। लगातार गिरते तापमान का असर अब लोगों के दिल, दिमाग पर पड़ने लगा है। भोपाल में 3.4 डिग्री तापमान दर्ज हुआ, जो शिमला और जम्मू के बराबर पहुंच गया है. इसी के साथ भोपाल में दिन और रात के तापमान में 20.4 डिग्री सेल्सियस का अंतर देखा गया. राजधानी में 3 दिन से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है. लगातार दो दिन और रात के तापमान को देखे तो कोल्ड डे का नया रिकॉर्ड बन गया है।

लगातार गिरते तापमान के बीच शहर में अचानक हार्टअटैक और पैरालिसिस के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पिछले 24 घंटे में राजधानी में हार्ट अटैक के 36 मरीज और पैरालिसिस के 19 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचे हैं. सबसे ज्यादा 24 मरीज निजी अस्पताल में भर्ती किए गए हैं. गांधी मेडिकल कॉलेज के कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. का कहना है कि एक दिन में हार्ट अटैक के 15 से 20 मरीज ही आते हैं. ठंड अधिक होने के कारण मामले अचानक बढ़े हैं। कड़कड़ाकी ठंड में अधिक उम्र के लोगों की परेशानी बढ़ रही है। खासकर बुजुर्गों की दिक्कत और बढ़ रही है। उच्च रक्तचाप और शुगर के रोगियों की लापरवाही उन्हें लकवा और हार्ट अटैक का शिकार बना सकती है।

चिकित्सकों का कहना है कि कम उम्र में भी लोग उच्च रक्तचाप और शुगर से पीड़ित मिल रहे हैं। वहीं खानपान में बदलाव के कारण अधिकांश वृद्धि भी उच्च रक्तचाप और शुगर से ग्रस्त हैं। ऐसे कुछ लोग दवा लेते हैं। कुछ दवा नहीं लेते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि नियमित दवा का सेवन न करने वाले और कई गंभीर बीमारी शिकार हो जाते हैं। ठंड बढ़ने के बाद अधिक उम्र के लोगों की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है।

अधिक उम्र है तो हो जाएं सतर्क

लकवा और हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा शुगर और उच्च रक्तचाप के मरीजों को होता है। मगर चिकित्सक बताते हैं कि अगर उम्र 55 के पार है तो सावधान हो जाएं। हालांकि यह जरूरी नहीं कि उच्च रक्तचाप और शुगर के मरीज रहें, तभी लकवा मार सकता है। आमतौर पर ऐसे मौसम में 55 से अधिक उम्र वालों को ठंड अधिक लगती है। ऐसे में रक्तचाप बढ़ता और घटता है। इन परिस्थितियों लकवा मार सकता है। इस लिए ठंड से बचना बेहद जरूरी है।

यह हैं हार्ट अटैक के लक्षण

दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में रुकावट आने पर हार्ट अटैक आता है। सर्दियों में दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि धमनियां सिकुड़ती हैं और रक्त गाढ़ा होता जाता है। अगर सीने, बांह, कोहनी या छाती की हड्डियों में असहजता, दबाव, भारीपन या दर्द का अहसास हो तो हार्ट की शिकायत हो सकती है।

हार्ट अटैक के दौरान व्यक्ति क्या करें-

– अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत अपने रिश्तेदार, पड़ोसी या एंबुलेंस को कॉल करना चाहिये। – घर पर अकेले रहने की स्थिति में व्यक्ति को हमेशा अपने पास डिस्प्रिन की गोली रखना चाहिये। – हार्ट अटैक की स्थिति में डिस्प्रिन की एक गोली को खा लेना चाहिये। ना हो तो पानी में घोल कर भी पी सकते हैं। – अगर आप घर पर अकेले हैं तो किसी के सहारे के बीना चलने की कोशिश ना करें। – खांसी ना आने पर भी जबरदस्ती खांसी करने की कोशिश करें। – घर पर एक डिजिटल बीपी मशीन है, तो अपने बीपी की तुरंत जांच करें। – अगर आपका बीपी सामान्य से कम है, तो अपने बिस्तर पर लेट जाएं। – अगर बीपी सामान्य से ज्यादा है, तो आप अपनी जीभ के नीचे 5 मिलीग्राम सोरबिट्रेट रख लें