हिन्द सागर बाड़मेर। राज्य की जनता जनार्दन को भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए प्रदेश में अशोक गहलोत सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध नज़र आ रही है। तभी तो राज्य का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की देखरेख में प्रतिदिन ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कसते हुए एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। राजस्थान में दिनेश एमएन का नाम ही काफी है। हर कोई जानता है कि राजस्थान पुलिस में दिनेश एमएन का मतलब काबिल आईपीएस, रियल लाइफ सिंघम और ईमानदार पुलिस अफसर है। एक वक्त था जब खुद आईपीएस दिनेश एम एन सात साल तक सलाखों के पीछे रहे थे। बाहर आने के बाद इन्होंने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कमान संभाली और घूसखोर अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सरकारी कार्यालयों में दहशत फैलाने वाले लोगों से राज्य की जेलों को भर दिया है।
अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन ने बताया कि यूं तो रिश्वत लेने व देने वालों के खिलाफ समय-समय पर राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है, मगर महानिदेशक बीएल सोनी के निर्देशन में हमारी टीमें हर शिकायतों को गंभीरता से ले रही है। कोई भी व्यक्ति हमारे एसीबी की हेल्पलाइन 1064 नंबर व वाट्सएप 9413502834 पर सीधे ही कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।
आज़ इसी कड़ी में एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत के गृह नगर जिले जोधपुर में एक भ्रष्ट महिला पटवारी को एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया हैं।
इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए जालोर एसीबी की टीम ने अपना जाल बिछाकर जोधपुर स्थित चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित भ्रष्ट महिला पटवारी के निजी आवास पर इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया हैं।
जालोर एसीबी के पुलिस निरीक्षक राजेन्द्रसिंह ने बताया कि ट्रेप की गई महिला पटवारी सीमा रामावत जोधपुर जिले व तहसील के केरू गांव में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। जिसने परिवादी सुरेशकुमार से एग्रीमेंट के जरिए खरीदी गई पत्थर की एक खान की मौका रिपोर्ट बनाने की एवज में दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। जिसकी शिकायत मिलने पर एसीबी की टीम ने इसका सत्यापन करवाया गया। सत्यापन सही पाए जाने और आज रिश्वत की राशि में से एक लाख रुपये देने का तय होने पर जालोर एसीबी के सीआई राजेन्द्रसिंह व उनकी टीम ने जाल बिछाकर इस घूसखोर महिला पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया हैं।
आरोपिया ने परिवादी से एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद परिवादी ने जैसे ही मौजूदा एसीबी टीम को इशारा किया, उधर भ्रष्ट महिला पटवारी को भी इसकी भनक लग गई और एसीबी की टीम को अपने नज़दीक आते देख अरोपिया ने रिश्वत की राशि अपने मकान के प्रथम तल से पड़ोसी के मकान की तरफ नीचे फैंक दिया। जिसे एसीबी की टीम ने पड़ोसी के मकान पर लगी नेट से उक्त राशि बरामद की, वही अरोपिया के हाथों को धुलवाकर रंगे हाथों गिरफ्तार करने की कार्रवाई की।