अभिभावकों से अपीलः स्कूलों की मदद को आगे आयें-अनूप खरे

बस्तीः कोरोना के चलते मार्च महीने से ही स्कूल कालेज कोचिंग सब बंद हैं। पढ़ाई नही हो रही है तो अभिभावक फीस भी नही देना चाह रहे हैं। तीन महीने यानी लाकडाउन पीरियड की फीस को लेकर सोशल मीडिया पर महीनों से बहंस चल रही है। लेकिन सरकार की कोई स्पष्ट गाइडलाइन न होने के नाते अभिभावक से लेकर स्कूल प्रबंधक तक सभी परेशान हैं।

इसी बीच सीबीएसई मैनेजर एसोसियेशन उ.प्र. की ओर से यूनिक साइंस एकेडमी में पत्रकार वार्ता कर स्कूल संचालकों ने ‘नो स्कूल, नो फीस’ के जवाब में ‘नो फीस नो प्रोमोशन’ का नारा दिया है। स्कूल प्रबंधक एकमत हैं, उनका कहना है कि कोरोना से आई अस्थिरता और आर्थिक परेशानी से सभी परिचित हैं, स्कूल प्रबंधन हमेशा अभिभावकों के साथ खड़ा हैं। लेकिन ऐसे अभिभावकों के साथ जो वाकई कोरोना काल में फीस जुटा पाने में अक्षम हैं। ऐसे अभिभावक जिनका अच्छा खासा व्यापार है, डाक्टरी या वकालत पेशे से जुड़े हैं या सरकारी नौकरी में हैं, उनको इस वक्त स्कूल की मदद को आगे आना चाहिये।

सीएमएस ग्रुप के प्रबंधक अनूप खरे ने कहा हैरानी इस बात की है कि जो अभिभावक अपने पाल्यों के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की भी फीस भरने में सक्षम हैं वे भी फीस माफी की मुहिम चला रहे हैं। उन्होने कहा कुछ अभिभायवकों के मन में है कि कोरोना काल में स्कूल बंद हैं, उनका बच्चा अगले साल अगली कक्षा में चला जायेगा और उन्हे फीस भी नही देनी पड़ेगी तो ये उनका भ्रम है। बगैर फीस जमा किये प्रोमोशन का सवाल ही नही उठता। रही बात बोर्ड कक्षाओं की तो आवेदन पत्रों को भराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। परीक्षायें होंगी, जो बच्चे फीस नही जमा कर पायेंगे उन्हे पुनः उसी कक्षा में रहना होगा।

अनूप खरे ने कहा एसोसियेशन ने सर्वसम्मति लाइब्रेरी स्पोर्ट्स लैब आदि से चूड़ी फीस माफ करने की घोषणा की जिससे अभिभावकों को कुछ राहत पहुंचाई जा सके अनूप खरे ने कहा करो ना के कारण आई अस्थिरता से बैंकों ने स्कूलों को लोन देना बंद कर दिया वाहनों की किस्ते नियमित जमा करनी है स्टाफ को तनखा देते रहना है इन सब की जिम्मेदारियों के बीच अभिभावक का सहयोग नितांत जरूरी है।


स्कूल एक सामाजिक संस्था है।100% फीस किसी भी स्कूल में नहीं आती है। 80% अभिभावक फीस देते हैं। इसलिए 100% बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने सभी प्रकार टैक्स बैंक की किस्तें बिजली बिल माफ करने की सरकार से मांग की इस घड़ी में स्कूलों की परेशानी से उबरने के लिए सरकार और प्रशासन को चाहिए की बैंक स्कूलों को लोन अप्लीकेशन सहानुभूति का रवैया अपनाएं और अधिकाधिक विद्यालय को लोन दिया जाए।
पत्रकार वार्ता में जगदीश मिश्रा जेपी तिवारी संतोष श्रीवास्तव अरुण वर्मा महंत राम वर्मा सुखराम चौधरी अनिल जयसवाल राजाराम यादव आदि मौजूद रहे