गली की राजनीति करने वालों को दिल्ली और दुनिया की क्या समझ?

  • गली की राजनीति करने वालों को दिल्ली और दुनिया की क्या समझ?
  • सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने बोला उबाठा गुट पर कड़ा प्रहार
  • ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में किये गये विदेश दौरे का अनुभव किया साझा
  • विधानसभा चुनाव सिर्फ ट्रेलर था पूरा पिक्चर महानगरपालिका में दिखायें

प्रमोद कुमार 

डोंबिवली : गली का राजनीति करने वालों को दिल्ली और दुनिया की समझ कैसे होगी? इस प्रकार की तीखी टिप्पणी शिवसेना के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने उबाठा गुट पर की। वरली डोम में आयोजित शिवसेना के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे और सांसद मिलिंद देवड़ा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और विदेश यात्रा से जुड़े अपने अनुभव वरिष्ठ पत्रकार उदय निरगुडकर के साथ एक खुली बातचीत के दौरान साझा किया। इस दौरान डॉ. शिंदे ने विदेश यात्रा की दिलचस्प बातें साझा की। सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत की 140 करोड़ जनता का संदेश विश्वभर में पहुँचाने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। एक युवा के रूप में मुझे यह मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूँ। जब केंद्र सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व की बात सामने आई, तब मन में थोड़ी घबराहट थी। देश का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना और वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना एक बड़ा कार्य था। 14 दिनों की इस यात्रा में वरिष्ठ नेताओं से बहुत कुछ सीखने को मिला। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य आयु और अनुभव में मुझसे बड़े थे। यूएई, कांगो गणराज्य, सिएरा लियोन और लाइबेरिया जैसे देशों के राष्ट्रप्रमुखों से चर्चा हुई। दो देशों की संसदों में भाषण देने का अवसर मिला, जो मेरे राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव था और भविष्य में यह ज़रूर लाभदायक सिद्ध होगा।

सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के “भाऊ” बनने की दिलचस्प कहानी : डॉ. शिंदे ने एक दिलचस्प किस्सा भी बताया — विदेश यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में डॉ. सस्मित पात्रा ने अपने भाषण में मुझे “भाऊ” कहकर संबोधित किया, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य मुझे “भाऊ” कहने लगे। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुझे “भाऊ” कहकर पुकारा और मेरे कार्य की सराहना की। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद प्रतिनिधिमंडलों की यात्राओं पर गहन निगरानी रखते हैं। सांसद डॉ. शिंदे ने प्रतिनिधिमंडल की विदेश यात्रा को चुनावी रणनीति बताने वालों पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हमने विधानसभा में केवल ट्रेलर दिखाया है, पूरी फिल्म अब महानगरपालिका में दिखाई जाएगी ,यह स्पष्ट चेतावनी उन्होंने उबाठा गुट को दी। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादी हमले बंद नहीं करता, तब तक उससे कोई भी वार्ता नहीं होगी। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। पूर्वी अफ्रीका के कुछ देश “इस्लामिक स्टेट ऑफ कोऑपरेशन” संगठन के सदस्य हैं, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है। लेकिन इस संगठन के अन्य सदस्य देशों के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर कर दिया गया है, जिससे अब वे पाकिस्तान का समर्थन नहीं करेंगे। मैं अमेरिका में गिटार बजाने नहीं गया था, बल्कि पाकिस्तान की बजाने गया था : इस अवसर पर सांसद मिलिंद देवड़ा ने अमेरिका और गयाना दौरे के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, “मैं अमेरिका में गिटार बजाने नहीं गया था, बल्कि पाकिस्तान की बजाने गया था।” सांसद देवड़ा ने यह भी तंज कसा कि “सांसदों के प्रतिनिधिमंडल की विदेश यात्राओं का महत्व संजय राऊत और आसिफ मुनीर जैसे लोगों को समझ नहीं आएगा, क्योंकि उनमें इतनी काबिलियत नहीं है।”