सही के बजाए हम हमेशा उस रास्ते को चुन लेते है जो पसंद हो: प्रेम रावत

सही के बजाए हम हमेशा उस रास्ते को चुन लेते है जो पसंद हो: प्रेम रावत

हिन्द सागर,रायपुर:अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व शांति दूत श्री प्रेम रावत ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कन्वेंशन सेंटर में एक विशाल जनसमूह को संबोधित किया। उनको सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रोता आये थे। प्रेम रावत ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा कि रायपुर का यह कार्यक्रम सुनने और समझने का एक बहुत सुंदर अवसर है। उन्होंने समझाया कि संसार का हर व्यक्ति – चाहे वह कोई भी हो, कहीं भी रहता हो, वह तीन कानूनों से बंधा हुआ है-एक दिन हम इस संसार में आये थे, अभी हम जीवित हैं और एक दिन हमें इस संसार से जाना होगा। उन्होंने आगे समझाया कि एक गंगा प्रयागराज में स्थित है, जहाँ पहुँचने के लिए सबको वहाँ तक जाना पड़ता है। लेकिन एक गंगा ऐसी भी है, जो हमारे अंदर की गंगा है। इस अंदर की गंगा में डुबकी लगाने के लिए, हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ अपने अंदर जाने की जरूरत है। प्रेम रावत ने समझाया कि हमारे सामने दो रास्ते होते हैं- पहला श्रेय – जो सही है उसे चुनना। और दूसरा प्रेय – जो अच्छा लगे उसे चुनना। उन्होंने समझाया कि मनुष्य सही क्या है उसे नहीं चुनता। वह उस रास्ते को चुनता है जो उसे पसंद आता है, फिर चाहे वह सही न भी हो और इस लिए संसार की यह हालत हो गयी है। उन्होंने मनुष्य जीवन में स्वाँस के महत्व को समझाते हुए कहा कि “यह जो स्वाँस आ रहा है, जा रहा है, यह भगवान की कृपा है। और जब तक यह आ रहा है, जा रहा है तुम जीवित हो। तुम इस बात का निर्णय ले सकते हो कि तुम्हारी जिंदगी में क्या होना चाहिए। जब तक तुम जीवित हो अपने जीवन में यह निर्णय ले सकते हो कि मैं उस आनंद का अनुभव करना चाहता हूँ, जो मेरे अंदर है। अगर तुमने यह निर्णय ले लिया कि तुम उस आनंद का अनुभव करना चाहते हो, तब मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ। उन्होंने अपने सम्बोधन के अंत में कहा कि “इस जीवन में जो भी होता है, वह तुम्हारी मर्जी से होता है। इसलिए जो कुछ भी करो, सोच समझ कर करो। तुम अपना जीवन आनंद से भर सकते हो। सबके अंदर वह शांति और आनंद है जिसका सब अनुभव कर सकते हो।