“अब कोई बिल्डर रहिवासियों को धोखा नहीं दे पाएगा”
हिन्द सागर संवाददाता, मुंबई: ठाणे में कोंकण विभाग के 5,000 से ज्यादा म्हाडा फ्लैट्स की लॉटरी वितरण कार्यक्रम के दौरान सूबे के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक नया फरमान जारी करते हुए कहा है कि विकासक बिल्डर को घर खाली कराने से पहले झोपड़ा धारक को तीन साल का किराया जमा करना होगा। इससे बिल्डर और उसकी क्षमता का पता चलेगा। ताकि वो उक्त परियोजना को पूरा करने में सक्षम है या नहीं।
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि बिल्डरों द्वारा रहिवासियों को सब्ज बाग दिखा कर उनसे घर खाली करा लिया जाता है, इसके बाद किराया तो दूर की बात है उनसे मिलना भी मुश्किल हो जाता है l इस तरह रहिवासियों को न तो किराया मिलता है और न ही प्रोजेक्ट पूरा हो पाता है , लेकिन अब ऐसा नहीं होगा l अब बिल्डरों को आवास खाली कराने से पहले तीन साल का किराया जमा करना होगा l शिंदे ने यह भी कहा कि राज्य सरकार रुके हुए पुनर्विकास प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिंदे ने बताया कि राज्य सरकार आने वाले पांच वर्षों में ₹50 लाख करोड़ निवेश जुटाकर 35 लाख घरों का निर्माण करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए सरकार ने सरकारी एजेंसियों और निजी बिल्डरों के बीच संयुक्त निवेश मॉडल (PPP) अपनाने का फैसला किया है, ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों।
एकनाथ शिंदे ने बताया कि म्हाडा अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष हाउसिंग पॉलिसी पर काम कर रहा है l यह देश में अपनी तरह की पहली नीति होगी। साथ ही सरकार कार्यरत महिलाओं, मिल मजदूरों और प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ती दरों पर किराये के घर उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। राज्य में कई सोसायटियों के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधूरे या अटके हुए हैं, जिससे रहिवासियों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। नई नीति के तहत तीन साल का किराया जमा कराने से लोगों को राहत मिलेगी l