रामदेव प्रार्थना मंदिर में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा का समापन हुआ
हिन्द सागर, बेंगलूरू: मागडी रोड अग्रहारा दासलहल्ली स्थित रामदेव प्रार्थना मंदिर में चल रही भागवत कथा का समापन हुआ। शीतल संत राजाराम महाराज ने विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्णजी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। शीतल संत ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने दिनभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास क्षेत्र के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। विष्णुलाल लुनिया ने बताया कि सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद कथा आयोजक परिवार द्वारा मदनलाल भुम्बलीया, नरसिंह राम बेरा, गोरधनलाल कालबाल, किशन लाल साडीवाल, पेमाराम बेरा का सम्मान किया गया। कथा समापन के बाद श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण किया।