अवैध बाँधकामो मे भाई की संलिप्तता का संदेह
हिन्द सागर मीरा भायंदर। मीरा भायंदर महानगर पालिका की वर्तमान महापौर ज्योत्सना हस्नाले के प्रभाग में अवैध बांधकाम जोरों पर है। इनके वार्ड में चारो तरफ अवैध बांधकाम किया जा रहा है। इनमें डचकुल पाडा़ अवैध कामों के लिए ही प्रमुखता से जाना जाता है।
ज्ञात हो कि ज्योत्सना हंस्नाले जब से मीरा भयंदर महानगर पालिका की महापौर बनी है तब से इनकी इलाके में रिपेयरिंग परवानगी के नाम पर तो अवैध बांधकाम किया ही जाता थहै साथ ही वन पहाड़ और सरकारी जमीनों पर भी अवैध तरीके से (पत्रे का रुम झोपड़ा बनाकर अवैध तरीके से कब्जा किया जा रहा है। ऐसे जगहो पर प्रायः बंगलादेशी, रोहंगिया व उल्टे सीधे काम करने वाले लोग ही रहते हैं। इनके खिलाफ शिकायत करने पर अधिकारी सुन्न की मुद्रा में रहते हैं।
मनपा का संवैधानिक भ्रष्टाचार
बताते चलें की ज्योत्सना हस्नाले का एरिया मनपा प्रभाग क्रमांक छह के अंतर्गत आता है, जिसके प्रभाग अधिकारी तथा सहा-आयुक्त इस समय स्वप्निल सावंत है। एक समय स्वप्निल सावंत इसी मनपा से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार होकर जेल गए थे। जमानत पर छूटने के बाद स्वप्निल सामंत को पुनः उसी मनपा मे उसी पद पर नियुक्त कर दिया गया। यह कैसा अंधा कानून है। जो अधिकारी जिस पद पर भ्रष्टाचार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ हो उसी व्यक्ति को माननीय न्यायालय द्वारा बिना किसी फैसले के ही पुनः उसी मनपा मे उसी पद पर आसीन कर देना कहां तक संवैधानिक है। इस तरह के अधिकारियों को जहाँ कानून का डर नहीं रह जाता वहीं ऐसे अधिकारी अक्सर दबाव में काम करने को मजबूर रहते हैं। इसी कारण मिराभाईंदर मनपा भ्रष्टाचार के लिए सुर्खियों में बना रहता है।
भ्रष्टाचार मे नगरसेवकों की भूमिका
इस भ्रष्टाचार में कहीं ना कहीं इलाके के नगरसेवको की भी बडी भूमिका रहती है। जो कभी रिपेयरिंग परवानगी के नाम पर अवैध बाँधकाम कराते हैं तो कभी अवैध तरीके से बनाए जा रहे झोपड़ो को संरक्षण प्रदान करते हैं। इनके साथ भी दिक्कत यह है कि एक नगरसेवक कई लाखों खर्च कर नगरसेवक का चुनाव जीतता है। और अगर ईमानदारी से काम करें तो शायद उसके द्वारा एक बार चुनाव में खर्च किया गया पैसा 20 साल में भी निकलना मुश्किल है। इसलिए इलाके के नगरसेवक अपने प्रभाग में यथासंभव हर अवैध गतिविधियों में टाँग अडाकर पैसा कमाने की फिराक में लगे रहते हैं। आज डचकुलपाड़ा की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। यहां पर स्वच्छता के नाम पर गटर, रोड पर बह रहे हैं। रोड पर जगह-जगह गटर का पानी भरा होने के कारण चलने लायक नहीं है। जगह-जगह कचरा पड़ा हुआ है। रोड लाइट की भी कोई व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। ना ही अच्छे गटर हैं ना ही रोड अच्छे हैं और जो गटर हैं, वह भी साफ सफाई नहीं हुए हैं। इन इलाकों में किसी तरह की कोई सुविधा नहीं है। सबसे बड़ी विडंबना है कि इस क्षेत्र से ही मीरा भायंदर की महापौर ज्योत्सना हस्नाले आती है। अब जनता ही तय करें कि जनता इनको खुद काविकास करने के लिए वोट देती है या जनता व क्षेत्र के विकास के लिए चुनकर भेजती है।
अवैध बांधकाम में भाई की संलिप्तता
विश्वस्थ सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जबसे ज्योत्सना हंस्नाले महापौर बनी है तब से उनका भाई इलाके में अवैध बांधकाम में काफी सक्रिय नजर आ रहा है। बहन के पद प्रभाव के कारण रिपेयरिंग परवानगी के नाम पर अक्सर अवैध बांधकाम कराए जाने में महापौर के भाई का नाम सामने आता है। दबी जबान में अधिकारी भी यह कहते नजर आते हैं, कि हमारे ऊपर महापौर का दबाव है। इसी कारण क्षेत्र में के अवैध बाँधकामो पर हम खुलकर कार्यवाही कर पाने में असमर्थ रहते हैं।