भारतीय राजनीति का वर्तमान स्वरूप

 

(हिन्द सागर न्यूज़ बल्लारी से पत्रकार- भलाराम पटेल की रिपोर्ट)

वर्तमान समय में भारतीय राजनीति अपने नये रूप में चरम पथ पर है जिसका एक उदाहरण किसान आन्दोलन है। सत्तापक्ष अपनी सीटों की गणना के आधार पर हर बात को जनता पर जबरदस्ती थोंपने का प्रयास कर रही हैं तो दूसरी ओर विपक्ष अपनी डुबती नैया को आन्दोलनों के सहारे पार लगाने का प्रयास कर रहा है परन्तु इन दो पाटों के बीच आखिरकार जनता को ही पिसना है। चाहे वो धारा 370 हो, सीएए का कानून हो या किसान आन्दोलन हो नुकसान जनता का ही हुआ है। ये सत्ता का खेल भी निराला होता जा रहा है जिसके कारण जनता इस निरालेपन के भ्रमजाल में एक पहेली बनकर रह गई है जिसका कोई भी पार्टी हल निकालना ही नहीं चाहती है! सत्ता पक्ष की इच्छा हैं कि किसानों को आत्महत्या की बढ़ती दर से बाहर निकाला जाये तो वहीं विपक्ष उसी आत्महत्या के सहारे अपनी रोटी सेंकने में लगा हुआ है। सत्तापक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी राजनीति चमकाने में लगी हुई है तो वहीं जनता एक और नये राष्ट्रवाद की परिभाषा को लक्षित करने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के साथ सत्तापक्ष को एक और मौका देने की धारणा बना रही है। अब सवाल ये उठता है कि ऐसी स्थिति लाने के लिए जिम्मेदार कौन?

आज की राजनीति परिवारवाद और जातिवाद पर आकर ठहर गई है। हर पार्टी आम नागरिकों को धर्म में बाँटकर अपना उल्लू सीधा कर रही है जिसको कुछ हद तक जनता स्वयं सहयोग कर रही है जिसका खामियाजा मध्यम वर्ग के लोगों को उठाना पड़ रहा है। हाल ही में विपक्ष इतना कमजोर हो गया है कि सत्ता पक्ष कोई भी बिल दोनों सदनों से पास कराने के लिए चर्चा तक करने को तैयार नहीं है ऎसी स्थिति में तानाशाही शब्द का जिक्र जेहन में उठना स्वाभाविक है। विकास के नाम पर चल रही गाङी जीडीपी बढ़ाने के चक्कर में पटरी से उतर रही है जिसका ताजा उदाहरण पेट्रोल की गगनचुंबी कीमतें है जिसको पटरी पर लाना फिलहाल सत्तापक्ष के बूते से बाहर है क्योंकि सत्तापक्ष के सामने आर्थिक स्थिति को सुधारने, कोरोना जैसी महामारी का उन्मूलन करने तथा किसान आन्दोलन जैसी चुनौतियाँ खङी है जिसका समय रहते हल भी निकालना होगा।

निष्कर्ष के तौर पर आज की राजनीति अपने नये रूप रंग के साथ जनता के सामने रखी जा रही है जिसका न सिर है न पैर। अतः जनता को ही इस नये रंग रूप की राजनीति को समझना भी जरूरी है और उसके साथ ढलना भी एक तरह से सही कदम होगा।