● देवली हुल्ला के पैरा एथलीट विजय कुमार मालवीय ने बचपन मे गवेद बाएं हाथ का पंजा लगाया।
● राज्य स्तर पर गोला फेंक में जीता सिल्वर मेडल जीत गया।
● राष्ट्रीय दौरे में क्वालीफाई किया।
(हिन्द सागर न्यूज़लाइन से रमेश कुमार की रिपोर्ट)
हिन्द सागर न्यूज़लाइन, राजस्थान के उदयपुर में 2017 में आयोजित राज्य स्तरीय आठवीं पैरा एथलीट प्रतियोगिता में समीपवर्ती देवली हुला गाँव के युवा खिलाड़ी विजय कुमार मालवीय ने अपने एक हाथ के दम पर गोला फेंक प्रतियोगिता में 9 पॉइंट 30 मीटर की दूरी – गोला फेंक किया। सिल्वर मेडल जीता था, हरियाणा की पंचकूला में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय पैरा एथलीट प्रतियोगिता में आरक्षित की ओर से भाग लेते हुए क्वालीफाई किया था, नैशनल क्रिकेट बोर्ड BDCA से भी खेल चुके हैं।
रेजिडेंट जिले के गांव देवली हुल्ला के विजय कुमार मालवीय ने बताया केसे तैयारी की
पढ़ाई व खेल की तैयारी के लिए खर्च के लिए निजी स्कूल में जाते हैं पढ़ाने तथा ब्यावर की निजी कॉलेज से प्राइवेट अपनी स्नातक की पढ़ाई की, अब बी. पी. एड के लिए तैयारी कर रहे हैं, उनके परिवार में पिता के अलावा कोई कमाने वाला नहीं था इसलिए खुद के पढ़ाई के खर्च व खेल की तैयारी में होने वाले व्यय खर्च के लिए वे पास के केलवाद गांव की स्कूल में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए जाते हैं,
ताकि परिवार पर उनका बोझ नहीं बढ़े उन्होंने कहा कि वे अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए प्रतिदिन दो से 3 घंटे तक के अपने कोच गजेंद्र सिंह केलवाद के साथ अभ्यास कर रहे हैं उन्हें उम्मीद है कि वे राज्य की टीम को गोला फेंक में अव्वल रखने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे,
देवली हुल्ला गांव के युवा पैरा एथलीट विजय कुमार मालवीय ने बताया कि वह बचपन से ही एक एथलीट बनने का सपना संजोए हुए थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था जब वह 8 साल के थे तो दादा के साथ लकड़ियों की कटाई के लिए सोजत रोड में लगी रंदा मशीन पर गए थे, लकड़ी काटते समय उनका बुरादा एकत्रित करने के दौरान उनका ध्यान चूक गया व रंदा मशीन में अपने बाएं हाथ का पंजा जा फंसा आखिरकार लंबे इलाज के बाद डॉक्टर ने उनके पंजे को काट दिया इस हादसे ने उन्हें और उन्हें परिवार को बहुत धक्का लगा लेकिन पिता पारसमल लोहार वह मां प्यारी देवी ने हिम्मत बढ़ाई तथा भाई जितेंद्र ने भी हिम्मत बढ़ाई कोट गजेंद्र सिंह केलवाद की देखरेख में गोला फेंक अभ्यास शुरू किया इस दौरान उन्होंने दिव्यांगों की छोटी प्रतियोगिताओं में कई मुकाबले जीते, इसके बाद मालवीय का जिले की पैरा एथलीट टीम से गोला फेंक में उनका चयन हो गया उसके बाद उन्होंने उदयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपने एक हाथ के दम पर 9 पॉइंट 30 मीटर की दूरी पर गोला फेंक में राज्य भर में दूसरा स्थान प्राप्त करते हुए, सिल्वर मेडल हासिल किया और अपने पाली जिला और अपने गांव का नाम रोशन किया।