कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तब से ही खबरें आ रही हैं कि कोरोना काल में हैकिंग और स्पैमिंग में काफी इजाफा हुआ है। कोरोना के नाम पर लोगों को डराकर उनके साथ ठगी की जा रही है। कोरोना के नाम पर ठगी का मामला अब भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। हैकर्स ने ठगी करने के लिए नया तरीका निकाला है। ये साइबर ठग अब लोगों कों फ्री में कोरोना जांज करवाने को लेकर ई-मेल भेज रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से
साइबर अपराधी लोगों को फ्री में कोरोना जांच को लेकर एक ईमेल भेज रहे हैं। इस ईमेल का एड्रेस काफी हद तक सरकारी ईमेल से मिलता जुलता है। ये अपराधी सरकार के हवाले से भी ईमेल भेज रहे हैं। ई-मेल के साथ एक वेब लिंक भी भेजा जा रहा है।
लिंक पर क्लिक करते ही लोगों से नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि जैसी जानकारियां मांगी जा रही है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से 20 रुपये का शुल्क भी लिया जा रहा है। इसके बाद व्हाट्सएप नंबर पर ठग एक क्यूआर कोड भेज रहे हैं और इसी क्यूआर कोड के जरिए वे आपके यूपीआई अकाउंट या बैंक से पैसे गायब कर रहे हैं।
अब ऐसे मामले में आपको बेहद ही सतर्क रहने की जरूरत है। सबसे पहले आपको बता दें कि सरकार कोरोना जांच के लिए ईमेल नहीं करती है। पहले साइबर अपराधी ओटीपी के जरिए लोगों को चूना लगाते थे, लेकिन अब क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यदि कोई आपको क्यूआर कोड भेजता है और उसे गूगल पे या किसी अन्य यूपीआई एप से स्कैन करने के लिए कहता है तो ऐसी गलती ना करें, क्योंकि स्कैन करते ही आपके खाते से पैसे गायब हो जाएंगे और इसके जिम्मेदार आप खुद होंगे।