प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार समेत चार लोगों को किया गया गिरफ्तार ।

  • प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मनपा आयुक्त अनिल कुमार पवार समेत चार लोगों को किया गया गिरफ्तार ।

ठाणे : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार शाम 41 इमारतों के अनधिकृत निर्माण घोटाले में पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार, तत्कालीन शहरी नियोजन उपनिदेशक वाय एस रेड्डी और दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से शहर का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। साथ ही, अन्य अधिकारियों में भी भय का माहौल है। वसई विरार शहर में 41 अनधिकृत निर्माण मामलों के बाद, ईडी की जाँच में शहर में निर्माण घोटाले के मामले सामने आए हैं। 29 जुलाई को वसई विरार शहर मनपा के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार के आवास समेत 12 जगहों पर छापेमारी की गई। 1 करोड़ 33 लाख रुपये और दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए। पूछताछ के दौरान ईडी ने खुलासा किया था कि पवार निर्माण घोटाले में सीधे तौर पर शामिल थे। खास बात यह है कि इस मामले में अनिल कुमार पवार की वसूली की दर भी तय थी। आयुक्त द्वारा निर्माण परियोजना के कुल क्षेत्रफल पर 20 से 25 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से वसूली की गई, जबकि विवादास्पद नगर नियोजन अधिकारी वाय.एस. रेड्डी द्वारा 10 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से वसूली की गई। इस मामले के बाद, ईडी ने पवार की जाँच शुरू कर दी। जब यह पता चला कि पवार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल हैं, तो ईडी ने बुधवार को चार लोगों – पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार, पूर्व उप नगर नियोजन निदेशक वाय.एस. रेड्डी, निर्माण पेशेवर व पूर्व नगरसेवक सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। खासतौर पर, पूर्व मनपा आयुक्त की गिरफ्तारी से शहर में हड़कंप मच गया है और राज्य व शहर का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कहा जा रहा है कि अनिल कुमार पवार ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले आईएएस अधिकारी हैं। इसलिए, पवार द्वारा किए गए घोटाले की चर्चा अब राज्य के राजनीतिक गलियारों में शुरू हो गई है। ईडी की जाँच में पता चला है कि इस मामले में शामिल अधिकारियों, आयुक्तों, मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों, इंजीनियरों, आर्किटेक्ट्स, सीए और कुछ दलालों की मिलीभगत से इस तरह के घोटाले किए जा रहे थे। इसके मुख्य सूत्रधार मनपा आयुक्त की गिरफ्तारी से अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों का विश्वास डगमगा गया है। इसके अलावा, अवैध तरीकों से निर्माण परमिट प्राप्त करने के लिए आयुक्त के समक्ष मामले प्रस्तुत करने वाले निर्माण पेशेवरों का विश्वास भी डगमगा गया है। पिछले कुछ दिनों से पवार की जाँच चल रही थी। वसई-विरार के नागरिकों का ध्यान इस बात पर था कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी..?? बुधवार को पवार की गिरफ्तारी के बाद नागरिकों ने संतोष व्यक्त किया। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी न केवल नगर पालिका, बल्कि शहर की भी प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं। इसलिए नागरिकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि इस मामले की गहन जाँच होनी चाहिए और इसमें शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।