आत्महत्या के मामले में नेता संजय राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दाखिल करने की मांग करने वाली जनहित याचिका हाइकोर्ट ने की खारिज ।

आत्महत्या के मामले में नेता संजय राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दाखिल करने की मांग करने वाली जनहित याचिका हाइकोर्ट ने की खारिज ।

पुणे: एक युवती के आत्महत्या के मामले में मंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय राठौड़ मुश्किल में फंस गए थे. लेकिन अब संजय राठौड़ के खिलाफ एफआईआर दाखिल करने की मांग करने वाली जनहित याचिका हाइकोर्ट ने खारिज कर दी है. इससे संजय राठौड़ को बड़ी राहत मिली है. पुणे में फरवरी २०२१ में इमारत की पहली मंजिल से गिरकर युवकी हुई मौत मामले में शिवेसेना मंत्री संजय राठौड़ पर फौजदारी कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी. लेकिन संबंधित युवती के शराब के नशे में घर की छत पर टहल रही थी, उसके छत से गिरने से मौत होने का खुलासा हुआ था. सिर पर गंभीर चोट लगने की वजह से संबंधित युवती की मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होने की बात राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में बताई. इसके अलावा इस युवती की मौत आत्महत्या या हादसे में होने का निष्कर्ष की प्रति देकर पुलिस ने मामले को बंद करने की शिफारिस करने वाली रिपोर्ट लोयर कोर्ट में पेश किया था. इस रिपोर्ट को लोयर कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया है. यह जानकारी महाधिवक्ता ने कोर्ट को दी है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने संजय राठौड के खिलाफ याचिका का निपटारा किया है. इस मामले में युवती के अभिभावक ने वानवडी पुलिस को बताया था कि हमारा किसी पर आरोप नहीं है. बेटी की मौत के बाद इस मुद्दे को राजनीतिक मोड़ दिया गया. इसके बाद जो कुछ हुआ वह सब पॉलिटिकल ड्रामा था.

आखिर क्या था मामला ?

७ फरवरी २०२१ को पुणे के मोहम्मदवाडी भाग की इमारत के छत से गिरकर एक युवती की मौत हो गई थी. इसके बाद तत्कालीन वनमंत्री संजय राठौड़ को इस युवती की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया गया था. विरोधियों के आरोप के बाद राठौड़ का फोन कुछ समय तक नॉट रिचेबल हो गया था. कुछ दिन बाद यवतमाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राठौड़ ने इस मामले से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया था. लेकिन विरोधी पार्टियों द्वारा अधिवेशन नहीं चलने देने का रुख अपनाने की वजह से मैं इस्तीफा दे रहा हूं. इसके बाद २८ फरवरी को उन्होंने इस्तीफा दिया था.