हिन्द सागर, ठाणे। बीएसयूपी आवास योजना को ठाणे मनपा के माध्यम से क्रियान्तित किया गया. लेकिन इस प्रकल्प में भारी घोटाला सामने आया है। दरअसल, इस योजना के तहत शुरुआत में 564 करोड़ रुपये खर्च कर 12,500 घरों के निर्माण किया जाना था लेकिन मनपा प्रशासन ने 2005 से 2021 के बीच 6443 घरों का निर्माण किया है। इसके लिए मनपा ने कुल 790 करोड़ रुपए ख़र्च कर डाले। उक्त खुलासा मनपा की महासभा में भाजपा नगरसेविका मृणाल पेंडसे ने किया। मृणाल पेंडसे ने महासभा में जब बीएसयूपी योजना के तहत अब तक मकानों की लागत और अब तक कितने मकान बनाए, उसकी जानकारी मांगी तो जानकारी सामने आई कि खर्च में इजाफा हुआ है। इसलिए उन्होंने सवाल उठाया कि यह बढ़ी हुई लागत कैसे आई? जिसके जवाब में बीएसयूपी प्रकल्प अधिकारी मोहन कलाल ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि इस प्रकरण में चार डीपीआर तैयार किया गया था. लेकिन पहले डीपीआर में राज्य सरकार द्वारा बार-बार बदलाव किए जाने के कारण खर्च 201 करोड़ रुपए से बढ़कर 337 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। साथ ही घर का क्षेत्रफल वन रूम किचन से वन बीएचके में परिवर्तित करना पड़ा। इस क्षेत्रफल बढ़ने के कारण भी प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ गई.
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★ दूसरी ओर सदस्यो ने सवाल किया कि बीएसयूपी और किराये के मकानों को कब्जा लेने से पहले उन्होंने किस विभाग से जानकारी मांगी थी।
★ रियल एस्टेट विभाग ने कहा कि मकान – अच्छी स्थिति में नहीं थें. हालांकि, मनपा शहर विकास विभाग ने दावा किया कि मकान अच्छी स्थिति में थे। लेकिन उसके बाद महापौर नरेश म्हस्के ने संबंधित अधिकारियों द्वारा तालमेल न होने और टालमटोल वाला उत्तर देने को लेकर फटकार लगाते हुए पूछ कि किसकी बातें सच हैं।
★ घरों का निरीक्षण किए बिना ओसी – क्यों दी जाती है? उन्होंने दोनों विभागों से यह भी पूछ कि अगर मकान अच्छी स्थिति में नहीं हैं तो वे कब्जा क्यों लेंगे? इसलिए उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
★ जबकि भाजपा नगरसेवक मिलिंद पाटनकर ने भी आरसीसी सलाहकारों, वास्तुकारों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाई की मांग किया है।
★ इस संबंध मे बात करते हुए अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने बोलते हुए कहा की दोनों विभागों से रिपोर्ट ली जाएगी, उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाई किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा की बीएसयूपी योजना के तहत बनाए गए घरो की मरम्मत का समत्र पर ध्यान रखा जाएगा। किराए के मकानों के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।