डॉ. प्रमोद पडवल कर रहे अपने मातहतों को प्रताड़ित

मनपा वैद्यकीय अधिकारी डॉक्टर प्रमोद पलवल के ऊपर बदले की भावना से कार्य करने का लग रहा गंभीर आरोप

हिन्द सागर (चतुर्भुजा पाण्डेय) मीरा-भायंदर। मीरा-भायंदर के वैद्यकीय विभाग से जुड़ा एक सनसनी मामला सामने आया है जिसके अनुसार यहां के मनपा वैद्यकीय अधिकारी डॉ. प्रमोद पडवल अपने मातहतों को प्रताड़ित कर अपना व्यक्तिगत दुश्मनी निकाल रहे हैं। डा. पडवल के मातहत भाईंदर (प.) स्थिति पंडित भीमसेन जोशी अस्पताल में सीएमओ के पद पर ठेका पद्धति के आधार पर काम कर रहे डाँ कृष्णकांत शर्मा को मनपा वैद्यकीय अधिकारी डा. पडवल द्वारा पिछले छ: महीने का वेतन न देने तथा अपमानित किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है।

डाँ कृष्णकांत शर्मा


ज्ञात हो कि कोरोनाकाल में महामारी फैलने से चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों की अकाल सी पड़ गई थी। ऐसी परिस्थिति में प्रशासन द्वारा कांट्रैक्ट बेस के आधार पर लोगों को भर्ती किया गया, और यही लोग कोरोनावायरस से लडने के लिए आधारस्तंभ भी बने थे।


डाँ पडवल पर लागाए गए इन गंभीर आरोपों की सत्यता जानने के लिए हमारे संवाददाता द्वारा पडवल से फोन द्वारा बार-बार संपर्क स्थापित किया गया फिर भी उनके तरफ से कोई सकारात्मक जबाब नहीं दिया गया।


 अभी हाल ही में जो वैदकीय विभाग के अंदर छुपे बुराइयों से जुडा मामला आया है, इसमे डा. विष्णुकांत शर्मा ने एक वीडियो जारी कर डा. प्रमोद पडवल के ऊपर सीधा और गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि प्रमोद पडवल के कारण उनको पिछले 6 महीने से पगार नहीं मिला है, जबकि डाँ कृष्णकांत शर्मा को वैदकीय मामले मे 11 साल का लंबा अनुभव है। पिछले 6 माह से वो टेम्बा अस्पताल में तन मन के साथ यथासंभव धन लगाकर भी कार्य कर रहे है।

उन्होंने कहा कि जब सैनिक सिक्योरिटी का कोई आदमी कोरोना मरीजों के बीच काम करने के लिए राजी नहीं था उस समय उन्होंने अपने व्यक्तिगत व्यवहार से कोरोना मरीजों के बीच में काम करने के लिए लोगों को बुलाया और ऐसी आफत भरी स्थिति में सहकार्य किया। डाँ कृष्णकांत शर्मा बताते हैं कि एक बार कुछ पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जबाब में मैंने परेशान होकर यह बात कह दिया था कि यहां पर कोई देखरेख करने नहीं आता है, मैं भी यहां ड्यूटी पर नहीं हूं, फिर भी मैं काम कर रहा हूं, और यहां पर मरीजों के लिए किसी चीज की कोई व्यवस्था नहीं है।

डा. प्रमोद पडवल

मरीजों को सही समय से चाय, खाना, गर्म पानी, काढ़ा, दवाई व जरूरी उपचार नहीं मिल पा रहा है, और ऊपर के अधिकारियों से बोलने पर भी यहां का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बस इतनी ही बात से नाराज होकर पडवल हमको 6 महीने से सैलरी मिलने मे अडचन डाल रहे हैं। किसी काम के सिलसिले में उनसे मिलने जाने पर 6 – 6 घंटा बाहर बैठा देते हैं, और एक बार की बात है कि मैं उनके कार्यालय में गया उस समय मैडम ने हमसे कहा कि अपना हाजिरी रजिस्टर बना के ले आओ, मैं अपना रजिस्टर बना के ले गया डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने रजिस्टर मेरे मुँह पर मारते हुए सबके सामने बेज्जत कर मुझे बाहर निकाल दिया। 

मैं मुंबई जैसे शहर में रहता हूं और मेरे साथ मेरा परिवार भी है। पिछले 6 महीने से पगार न मिलने के कारण घर की माली हालत खराब होती जा रही है। मैं क्या करूं अपनी स्थिति को बताते हुए डॉ शशिकांत शर्मा ने मनपा कमिश्नर विजय राठौर, मीरा भायंदर विधानसभा विधायक गीता जैन, ओवला मजीवाड़ा विधायक प्रताप सरनाईक तथा महापौर ज्योत्सना हन्साले से गुहार लगाते हुए अपील की है कि हमें 6 महीने का पगार भुगतान कराएं तथा मेरे वैदकीय अनुभव के अनुसार काम करने के लिए उचित स्थान प्रदान करें।

यह सब कुछ कहते हुए उनकी आंखों में आंसू भर जाता है, और उन्होंने ऐसी क्षति की आशंका जताई, कहीं ऐसा ना हो कि डाँ पडवल द्वारा परेशान किए जाने के कारण मुझे आत्महत्या करने की नौबत आ जाए इसलिए शहर के सभी माननीयों से गुहार लगाते हुए कहा कि कृपया कर हमारे मामले में हस्तक्षेप कर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।