
हिन्द सागर ब्यूरो। मीरा भायंदर और वसई विरार के लिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा एक स्वतंत्र पुलिस आयुक्तालय को मंजूरी दी गई है, और 138.41 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी गई है। मुख्यालय और आयुक्तालय कब शुरू होंगे इस पर फैसला जल्द ही लिया जाएगा।
मीरा भायंदर और वसई विरार में बढ़ती आबादी की संख्या को देखते हुए सागरी पुलिस के एक स्वतंत्र आयुक्तालय की मांग पिछले दस से बारह वर्षों से चल रही है। गठबंधन सरकार ने आखिरकार इस पर निर्णय लिया है और मीरा भायंदर तथा वसई विरार पुलिस आयुक्तालय का मुद्दा सुलझ गया है। वर्तमान में, दोनों क्षेत्रों में लोगों की बढती जनसंख्या 45 लाख तक पहुंच गई है। बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण, विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या के कारण क्षेत्र में अपराध और संगठित अपराध बढ़ गए हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूदा पुलिस बल अपर्याप्त है।
इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने मीरा भायंदर, वसई विरार में एक स्वतंत्र पुलिस आयुक्त स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत सदानंद वाते को आयुक्तालय का प्रथम कार्यभार सौंपा गया।

कौन है सदानंद दाते ?
सदानंद दात 1990 बैच के आईपीएस अधिकारो हैं। इससे पहले दाते मुंबई पुलिस मे क्राइम व्रांच मे चीफ और जावंट सीपी (लाँ एण्ड आर्डर) जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं। 26/11 आतंकवादी हमले के दौरान दाते एक मात्र अधिकारी थे जो कामा अस्पताल मे सबसे पहले अंदर घुसे थे । राष्ट्रपति पदक से सम्मानित दाते को आतंकवादी विरोधक दस्ते का रचयिता भी माना जाता है।